
बिहार की गलियों में प्यार बड़ा ही फ्री-स्पिरिटेड होता है। अब भला क्या करें जब दिल को कोई बंदिश ही न माने? जी हां, मामला है दिदिया (दीदी) के देवरा (देवर) से हो गए लव वाला इश्क़ का! दिल ने कहा – यही तो लाइफ का रांझा है। लेकिन मोहल्ला बोला – “बेटी, ये रास्ता कोर्ट नहीं सीधे पंचायत में जाएगा!”
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क्या करें जब देवरा से इश्क़ हो जाए?
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Step 1: फेसबुक डीपी एकदम प्यार वाली लगाएं, ताकि Devra जी भी दिल हार जाएं।
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Step 2: पूजा में अगरबत्ती कम, आंख मारने की frequency ज़्यादा हो।
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Step 3: मोहल्ले की आंटी से बचें। वो ‘CCTV’ से भी तेज़ ट्रैक करती हैं।
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Step 4: दीदी को इस ‘प्लॉट ट्विस्ट’ की भनक ना लगे।
क्या ना करें?
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फैमिली व्हाट्सऐप ग्रुप पर दिल वाले स्टेटस न लगाएं।
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देवरा के नाम का मेहंदी डिज़ाइन न बनवाएं।
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और सबसे जरूरी – मोहल्ले के पंडित जी से शादी की कुंडली ना मिलवाएं, वरना परिवार मिलकर ‘भूत प्रेत दोष’ बता देगा!
प्यार कब, कहां और किस रिश्ते के पास से टकरा जाए – कोई भरोसा नहीं। लेकिन अगर बात दिदिया के देवरा की हो तो मामला सिर्फ दिल का नहीं, पूरे खानदान का हो जाता है। तो अगली बार जब मोहब्बत की गाड़ी पटरी से फिसले, तो याद रखिए – दिल है देहाती, पर ड्रामा है सिनेमा से भी भारी!\
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